यूपी की कारागारों से मुक्त किए जा रहे 11 हजार बंदी सर्वोच्च न्यायलय के निर्देशों पर की जा रही कार्यवाही अमर उजाला ब्यूरो लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जेलों में कैदियों का दबाव कम करने के मद्देनजर सर्वोच्च अदालत के निर्देशों पर सात साल तक की सजा वाले कैदियों को पैरोल देने का कार्यवाही शुरू कर दी गई है। उत्तर प्रदेश की कुल 71 जेलों में बंद ऐसे 11 हजार बंदियों को तत्काल मुक्त करने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। कारागार महानिदेशक आनंनद कुमार के अनुसार इनमें विचाराधीन व सिद्धदोष बंदी दोनों ही शामिल हैं। इन सभी बंदियों को अंतरिम जमानत पर आठ सप्ताह के लिए निजी मुचलके पर पैरोल पर रिहा किया जा रहा है। निमें 8500 विचाराधीन व 2500 सिद्धदोष बंदी शामिल हैं। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद राज्य सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कियाथा। यह बैठक शुक्रवार को उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिसमें अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी व महानिदेशक कारागार आनंद कुमार शामिल थे। इन 11 हजार बंदियों को रिहा करने का फैसला इसी समिति ने लिया।
यूपी की जेलो से रिहा हो रहे 11 हजार बन्दी