पिता को मुखाग्नि देने भी नहीं आए बेटा-बेटी

वृंदावन (मथुरा)। जब सगे बेटा और बेटी ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया तो वृंदावन की बेटी डॉ. लक्ष्मी गौतम ने ठाकुर जी की शरण में वर्षों पहले पश्चिमी बंगाल से वृंदावन आए बुजुर्ग विश्वनाथ को मुखाग्नि दी।


श्रीबांकेबिहारी की नगरी वृंदावन के पानी घाट क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से रह रहे मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल निवासी विश्वनाथ यहां भजन करते हुए भिक्षावृत्ति के माध्यम से जीवन यापन कर रहे थे। भरेपूरे परिवार को छोड़कर आए विश्वनाथ के लिए अब सहारा वृंदावन ही था। बीमारी के चलते बुधवार को उनका निधन हो गया। कनकधारा फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मी गौतम को उनके निधन की सूचना मिली तो उन्होंने किसी तरह जानकारी जुटाते हुए इसकी सूचना विश्वनाथ के परिजनों को दी, लेकिन अंतिम संस्कार में परिजनों ने असमर्थता व्यक्त कर दी। इस स्थिति में डॉ. गौतम ने विश्वनाथ की चिता को मुखाग्नि दी।
डॉ. गौतम ने बताया कि विश्वनाथ के बेटा-बेटी से उन्होंने संपर्क किया था, लेकिन वे वृंदावन आने को तैयार नहीं हुए। इसकी सूचना उन्होंने वृंदावन कोतवाली प्रभारी को दी। कोतवाल संजीव कुमार दुबे की मौजूदगी में विश्वनाथ का अंतिम संस्कार विधिविधान पूर्वक श्मशान घाट पर उन्होंने किया है।