कानपुर, लखनऊ की तरफ जाने के लिए परेशान रहे मुसाफिर

 कोरोना वायरस के चलते शनिवार की सुबह झांसी से लखनऊ जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस का संचालन न होने से कानपुर और लखनऊ की तरफ जाने वाले यात्री परेशान रहे। इस ट्रेन में प्रतिदिन पांच सौ से अधिक दैनिक यात्री सफर करते हैं। मजबूरन यात्रियों को बरौनी-ग्वालियर मेल का इंतजार करना पड़ा।


कोरोना वायरस के चलते झांसी- लखनऊ इंटरसिटी समेत 40 ट्रेनों को 31 मार्च तक के लिए निरस्त कर दिया गया है। शनिवार को झांसी से सुबह 6.15 बजे जाने वाली इंटरसिटी के न चलने से कानपुर और लखनऊ की तरफ जाने के लिए यात्री परेशान रहे। दरअसल, यह ट्रेन कानपुर रूट पर जाने वाले यात्रियों के लिए बेहद सुविधाजनक मानी जाती है। इस ट्रेन के निकलने के आठ घंटे बाद ही इस रूट के यात्रियों को ग्वालियर बरौनी छपरा मेल मिल पाती है। शनिवार को भी ऐसा हुआ। यात्रियों को छपरा मेल के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। इस ट्रेन के आने पर कोचों में चढ़ने के लिए भीड़ रही। इसी तरह शताब्दी एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस व ताज एक्सप्रेस के निरस्त होने से भी कई मुसाफिर परेशान रहे। वहीं, ट्रेनों के निरस्त होने से आरक्षण कार्यालय में टिकट रद्द कराने वाले मुसाफिरों की कतार लगी रही। पांच सौ से अधिक लोगों ने अपने आरक्षित टिकट निरस्त कराए। जनरल टिकटों की बिक्री भी कम हुई। प्लेटफार्म टिकट लेने वालों की संख्या सौ भी पार नहीं हो सकी।
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मैं मुंबई से लौटकर आया हूं। झांसी में ट्रेन बदलकर पुखरायां जाना था, लेकिन यहां आकर पता लगा इंटरसिटी निरस्त है। इस कारण परेशान हो रहा हूं।
रविंद्र कुमार।
मैं कल्याण में प्राइवेट नौकरी करता हूं। कोरोना वायरस के कारण घर वापस लौटकर जा रहा हूं। झांसी में ट्रेन बदलने के लिए उतरा था।
रविंद्र कुमार।
मैं केरला से आया हूं। बलिया जाने के लिए झांसी में ट्रेन बदलने के लिए उतरा था। इधर ट्रेनों के निरस्त होने का पता लगने के बाद से परेशान हो रहा हूं।
रंजन सिंह।
मैं गोरखपुर से आ रहा हूं। चेन्नई जाना है। इधर, आकर पता लगा कि कई ट्रेनें निरस्त हो गई है। इसलिए तय नहीं कर पा रहा कि क्या करूं।
रवि।
मैं लखनऊ से आ रहा हूं। आवश्यक कार्य से हैदराबाद जा रहा हूं। यहां आकर पता लगा कि 22 मार्च को ट्रेनें नहीं चलेंगी। इसलिए आगे जाने के लिए परेशान हो रहा हूं।
सुभाष।