ये तो महज दो उदाहरण हैं। लखनऊ में होम डिलीवरी सर्विस ने लोगों को दूसरे दिन भी छकाया। लोगों का कहना है जब हमें घर पर सामान नहीं मिलेगा तो बाहर तो निकलना ही पड़ेगा सबसे बड़ी बात है कि बाजार में इतना सामान भी अब मौजूद नहीं है कि ले आकर रख लें। ऐसे में समझ नहीं आ रहा कि क्या करें।।
गंध ऐसी कि फेंकना पड़ा टमाटर
वरिष्ठ नागरिक भागवत प्रसाद गुप्ता और उनकी पत्नी रागिनी गुप्ता गोमतीनगर विस्तार के कल्पतरु अपार्टमेंट में रहते हैं। भागवत हृदय रोगी हैं।
उन्होंने गुरुवार को शासन द्वारा जारी लिस्ट में दिए गए गोमतीनगर फैमिली बाजार के नंबर पर सामान की लिस्ट भेजी थी, लेकिन शुक्रवार तक सामान नहीं पहुंचा। डोर स्टेप से कुछ सब्जियां मंगाई थीं, वो शुक्रवार को आ तो गईं, लेकिन टमाटर सड़ा था। गंध के कारण उसे तुरंत फेंकना पड़ा।